पुलिस अभिरक्षा में आरोपित को आई 23 चोटें, न्यायालय के आदेश पर दरोगा व सिपाहियों पर मुकदमा दर्ज

झांसी, 4 दिसंबर (Crimes Of India) । Police अभिरक्षा में एक आरोपित को आई चोटों के मामले में आरोपित की न्यायालय में की गई शिकायत पर मामले ने तूल पकड़ लिया। इस मामले को अदालत ने गंभीरता से लिया है। अदालत ने नवाबाद थाने में मामले के विवेचक दारोगा आदि के खिलाफ Trial दर्ज करने के आदेश दिए है। Police ने आदेश के आधार पर Trial दर्ज कर लिया है। इन आदेशों के तहत Police महकमें में हड़कंप मचा हुआ है।

विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट के पेशकार ने तहरीर देते हुए बताया कि आरोपित लोकपाल सिंह निवासी पन्ना के खिलाफ ककरबई थाने में युवती को अगवा एवं उससे Rape करने के आरोप में Trial दर्ज कराया था। विवेचक अशोक सिंह ने दो सिपाहियों के साथ दिल्ली के आजाद नगर चौराहा से 16 सितंबर रात 10:30 बजे आरोपित की Arrested ी दिखाई, लेकिन जब लोकपाल को लाया गया तो वह बुरी तरह घायल था। वह चल भी नहीं पा रहा था। उसके आगे के 2 दांत टूटे थे। जगह-जगह उसके शरीर में जले के निशान थे। मेडिकल परीक्षण कराने पर शरीर में 23 चोटें मिली। कोर्ट ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए विवेचक दरोगा समेत दोनों सिपाही एवं पीड़िता के परिजनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए थे।

लघुशंका आने पर लोकपाल वाहन से उतारा

इस मामले में Police ही अपनी कहानी में उलझ गई। अदालत के सामने विवेचक अशोक कुमार ने बताया कि आरोपित को बुंदेलखंड एक्सप्रेस के रास्ते लाया जा रहा था। लघुशंका आने पर लोकपाल को वाहन से उतारा गया। उसी दौरान अचानक दो ट्रक आ गए। इस वजह से सभी Police कर्मी समेत लोकपाल सड़क पर गिर गए। लोकपाल को चोट आ गई। घायल लोकपाल को मेडिकल कॉलेज लेकर आए। इसके बाद उसे जेल में दाखिल कर दिया लेकिन कोर्ट में जिरह के दौरान Police की यह कहानी टिक नहीं सकी। अदालत ने विवेचक से पूछा कि आखिर किस तरह हादसा हुआ कि एक आदमी को शरीर में इतनी चोट आई है जबकि किसी भी Police कर्मी को खरोंच तक नहीं आई है।

न थाने में सूचना न उपचार के प्रपत्र

Police कर्मियों ने न तो घटनास्थल के स्थानीय थाने में दुर्घटना की कोई सूचना दी और न ही Hospital में उपचार कराने संबंधी कागज भी नहीं दिखा सके। अदालत ने पूछा कि जिसके शरीर में गंभीर चोट थी, उसे Hospital में भर्ती क्यों नहीं कराया। इसका भी जवाब विवेचक समेत Police कर्मी नहीं दे सके।

इनका है कहना

इस संबंध में थाना प्रभारी निरीक्षक नवाबाद जेपी पाल ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर Trial दर्ज किया गया है। विवेचना प्रचलित है।

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(Crimes Of India) / महेश पटैरिया

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