झूठे शपथपत्र से संस्था का फर्जी नवीनीकरण कराने के आरोप में 11 लाेगाें पर केस दर्ज

अमेरिका में रहने वाले व्यक्ति की जमीन का फर्जी तरीके से बैनामा करा लेने के आरोप में तीन पर केस दर्ज Trial

मुरादाबाद, 14 अक्टूबर (Crimes Of India News) । झूठे शपथपत्र दाखिल कर संस्था का फर्जी नवीनीकरण करने के आरोप में थाना नागफनी Police ने कोर्ट के आदेश पर 11 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज किया है।

यह Trial असमोली के इकरोटिया के ही रहने वाले हसन अब्बास की तहरीर पर संभल के असमोली थाना के गांव इकरोटिया निवासी अली मेहंदी, उसकी पत्नी सुम्बुल फात्मा, भाई हुर्र मेहंदी, जहरा बाकरी, अंजुम रजा, फिरोज हैदर, उसके बेटे खतीब हैदर, जहीर अब्बास, हैदर मेहंदी, तकी हैदर और शफीक सिद्दीकी आदि पर दर्ज किया गया है। Police अधीक्षक नगर के अनुसार मामले में आरोपितों ने 21 मई 2024 को झूठे शपथपत्र दाखिल कर संस्था बिलाल मिशन फार शिया इशनायशरी एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसायटी का फर्जी नवीनीकरण कराया, जबकि छह सदस्य उस समय विदेश में थे।

दर्ज रिपोर्ट में हसन अब्बास ने बताया कि वह समाजसेवी संस्था बिलाल मिशन फार शिया इशनायशरी एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसायटी का संस्थापक सदस्य है। शिकायतकर्ता के अनुसार संस्था की पत्रावली के मुआयने के दौरान उसे पता चला कि तत्कालीन पदाधिकारियों ने बीते 5 मार्च 2002 को एक फर्जी प्रस्ताव तैयार किया, जिसमें यह दर्शाया गया कि प्रार्थी संस्था के कार्यों में रुचि नहीं ले रहा और संस्था विरोधी गतिविधियों में लिप्त है। पीड़ित हसन अब्बास के अनुसार उस प्रस्ताव के लिए जिन आठ सदस्यों को उस बैठक में उपस्थित बताया गया, उनमें से कई लोग उस समय भारत में मौजूद ही नहीं थे। उनकी गैरहाजिरी में प्रस्ताव पर हस्ताक्षर दिखाकर फर्जी कागजात तैयार किए गए। इसके बाद 23 अप्रैल 2002 को चार बाहरी लोग तकी हैदर, फिरोज हैदर, खतीब हैदर और शफीक सिद्दीकी को भी संस्था में सदस्य बना लिया गया। आरोप है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर संस्था का नवीनीकरण 2004, 2009, 2014 और 2019 में भी किया गया।

Police अधीक्षक नगर कुमार रणविजय सिंह के अनुसार मामले में आरोपितों ने 21 मई 2024 को भी झूठे शपथपत्र दाखिल कर फर्जी नवीनीकरण कराया, जबकि छह सदस्य उस समय विदेश में थे। पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि तत्कालीन अध्यक्ष अली मेहंदी और उपाध्यक्ष हुर्र मेहंदी ने अन्य सदस्यों के साथ मिलकर संस्था के नाम पर बैंक खाता खोलकर लाखों रुपये निकाल लिए और गबन कर लिया। बैलेंस शीट में उस धनराशि का कोई उल्लेख नहीं है।

(Crimes Of India) / निमित कुमार जायसवाल

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