
नोएडा, 16 नवंबर (Crimes Of India) । बिटकॉइन फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश कर मुनाफा कमाने का झांसा देकर साइबर अपराधियों ने एक निजी कंपनी से सेवानिवृत्त अधिकारी के साथ 50 लाख रुपये की ठगी कर लिया। पीड़ित की शिकायत पर Cyber Crime थाने की Police ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
अपर Police उपायुक्त Cyber Crime शैव्या गोयल ने बताया कि Police को दी शिकायत में ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क निवासी 83 वर्षीय शैलेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि एक अगस्त को उनके मोबाइल फोन पर अनजान एक नंबर से कॉल आई। बातचीत के दौरान कॉलर ने शिकायतकर्ता को निवेश करने के मुनाफे गिनाए। उसने बातचीत के दौरान ही पीड़ित के बैंक खातों की जानकारी जुटाई।
उनके शौक के बारे में जाना। परिवार में कौन-कौन हैं और वर्तमान में वे सभी कहां रहते हैं, इसके बारे में भी पता किया। बुजुर्ग ने बताया कि वह बैंक खाते में जमा रकम को निवेश कर मुनाफा कमाना चाहते हैं। मुनाफे वाली रकम को धार्मिक संगठन और धार्मिक यात्राओं पर खर्च करने की इच्छा जताई। झांसे में लेने के बाद कथित कॉलर ने ओएसएल प्लेटफॉर्म ऐप पीड़ित के मोबाइल में डाउनलोड कराया। इसके बार फॉरेक्स ट्रेडिंग करानी शुरू की। झांसे में आने के बाद बुजुर्ग ने बिना जांच पड़ताल किए मुनाफे के चक्कर में 50 डॉलर यूएसडी बिटकॉइन में निवेश कर दिया। ठगों ने पीड़ित को बताया कि पहले निवेश पर उन्हें मुनाफा हुआ है। 13 अगस्त को बुजुर्ग के खाते में मुनाफे के 4 हजार 900 रुपये ट्रांसफर कर दिए गए। इसके बाद बुजुर्ग को यकीन हो गया कि उनकी रकम सही जगह पर निवेश कराई जा रही है। मुनाफे के चक्कर में इसके बाद बुजुर्ग ने 17 बार में 40 लाख 50 हजार रुपये निवेश कर दिए।
उन्होंने बताया कि बुजुर्ग को एप पर रकम मुनाफे समेत करीब एक करोड़ रुपये दिखने लगी। बुजुर्ग में मुनाफा कमाने की ललक अभी बाकी थी, पर खाते में रुपये नहीं बचे थे। सारी रकम उन्होंने फॉरेक्स ट्रेडिंग में लगा दी थी। बुजुर्ग अक्तूबर में परिवार के साथ बद्रीनाथ धाम यात्रा पर गए हुए थे। इसी दौरान ठगों ने उनसे व्हाट्सऐप पर संपर्क किया और 10 लाख रुपये निवेश करने के लिए बोला। पीड़ित के पास रुपये नहीं थे तो उन्होंने म्यूचुअल फंड पर 10 लाख रुपये का लोन लेकर ठगों को दे दिए। यह बात उनके घर वालों को पता चली तो वे बुजुर्ग से रुपये के बारे में पूछने लगे। बुजुर्ग ने जब पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी तब परिवार को समझ में आया कि वह ठगी के शिकार हो गए हैं। ठगों ने पहले बुजुर्ग का ब्रेनवॉश किया उसके बाद ठगी की।
बुजुर्ग की बेटी को ठगी की सबसे पहले जानकारी हुई। अगर बेटी को पता नहीं चलता तो बुजुर्ग और रकम ट्रांसफर करने की योजना बना रहे थे। एडिशनल डीसीपी साइबर ने बताया कि जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई है, उन खातों की जांच की जा रही है। ठगी की रकम को फ्रीज और होल्ड कराने के लिए संबंधित बैंक के अधिकारियों से संपर्क किया गया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर कोई कम समय में भारी निवेश कर मुनाफा कमाने का झांसा दे तो उसकी बातों में कतई न आएं। निवेश के नाम पर ठगी करने वाले कई गिरोह देश के अंदर और बाहर सक्रिय हैं।
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हिन्दुस्थान/सुरेश
(Crimes Of India) / सुरेश चौधरी

