जौनपुर में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 5 आरोपित गिरफ्तार, कई राज्यों तक फैले हैं तार

Arrested  आरोपी Police  अभिरक्षा में

-हजाराें प्रमाणपत्र बनाकर लाखाें रुपए कमाए

जौनपुर, 04 दिसंबर (Crimes Of India) । Uttar Pradesh में जौनपुर Police काे जिले में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करने में कामयाबी मिली है। यह गिरोह Uttar Pradesh से लेकर महाराष्ट्र तक फैला हुआ है। Police ने इस गिरोह के पांच सदस्यों को Arrested कर 9 एंड्रॉइड मोबाइल फोन तथा 4 लैपटॉप बरामद किए हैं।

Police ने इस मामले में अंकित यादव (23) मऊ और राज कुमार (22 ) गौतमबुद्ध नगर को नहोरा सई नदी के पास से Arrested किया। इनके पास से तीन एंड्रॉइड फोन और तीन लैपटॉप बरामद हुए। यह Arrested ी बुधवार की गई। इसी क्रम में उपनिरीक्षक अनिल कुमार तिवारी और उपनिरीक्षक विजय कुमार सिंह ने अपनी टीम के साथ राशिद (26) Bihar , राजीव कुमार (24 ) अमरोहा और अभिषेक गुप्ता (31) लखनऊ को बाकराबाद हाईवे तिराहे के पास से Arrested किया। इनके कब्जे से 6 एंड्रॉइड मोबाइल और एक लैपटॉप जब्त किया गया।

गुरुवार को एसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि यह अन्तरराज्यीय गिरोह अवैध तरीके से तीन राज्यों उत्तराखंड , महाराष्ट्र , Uttar Pradesh के ग्राम पंचायत अधिकारी के जीमेल के लागिन से जन्म प्रमाणपत्र बना रहा था। इनके पास कुछ ग्राम पंचायत अधिकारियों के भी लागिन थे और लागिन पर जाकर 4 से 5 डेटा ले लेते थे। इसी डेटा से नाम , माँ का नाम ,पिता का नाम , पता व जन्म तिथि के आधार पर सरकारी बेबसाइट पर लागिन करके प्रमाण पत्र बनाकर माेटी रकम लेकर जरूरतमंद व्यक्ति को दे देते थे।

डेढ़ साल में बनाए हजारों फर्जी जन्म प्रमाण पत्र

गिरोह ने लगभग डेढ़ साल में हजारों फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए हैं। Police ने 500 से अधिक प्रमाणपत्र बरामद किये हैं। जिन ग्राम पंचायत अधिकारी की लॉगिन से इनको जारी किया गया है। Police उनको एक पत्र लिखकर इन्हें निरस्त करने के लिए कहेगी। Police को एक ऐसा भी प्रमाणपत्र मिला है, जिसमें धारक के माता पिता का पता पश्चिम बंगाल का है, जबकि महाराट्र से बना है। गिरोह बहुत शातिर तरीके से काम करता था और कई अधिकारियों के लॉगिन को एक दिन के लिए लोगों को 20 हजार में बेचता था। लोग लॉगिन खरीदकर बहुत से सारे प्रमाणपत्र बनाते थे

सीएमओ की शिकायत के बाद शुरु हुई जाँच

एसपी सिटी ने आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि जौनपुर के Police अधीक्षक को सीएमओ की एक रजिस्ट्री आयी थी। जिसमें फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का संदेह जताया गया था। Police की पूछताछ में पता चला कि गिरोह के लोग सहज जन सेवा केंद्र के लोगों से सम्पर्क करके एक व्हाट्सप्प ग्रुप बना कर उसके जरिये और साथ में फेसबुक पर भी ग्रुप बनाकर उसमें प्रचार प्रसार करते थे। Police आगे जाँच कर रही है।

Arrested अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वे ग्राम पंचायत की आईडी से मिलते-जुलते पासवर्ड का उपयोग करके लॉगिन करते थे। इसके बाद एनी डेस्क पर स्क्रीन शेयर के माध्यम से संबंधित आईडी का पासवर्ड जनरेट कर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाते थे।

ऐसे हुआ खुलासा

गिरोह का खुलासा तब हुआ जब रतन कुमार (जौनपुर) ने अपनी बेटी का जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए विजय यादव को दिया। विजय द्वारा दिए गए प्रमाणपत्र का सीएमओ कार्यालय जौनपुर से सत्यापन कराने पर वह फर्जी पाया गया। जांच में पता चला कि विजय यादव के गिरोह में रामभरत मौर्या (चंदौली) जैसे अन्य सदस्य भी शामिल हैं। Police आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है।

(Crimes Of India) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव

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