आईबीपीएस क्लर्क परीक्षा 2025: अन्तराज्यीय सॉल्वर गैंग का सरगना समेत 10 आराेपित गिरफ्तार

घटना की जानकारी देते डीसीपी निपुण

लखनऊ, 7 अक्टूबर (Crimes Of India News) । इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन (आईबीपीएस) क्लर्क परीक्षा 2025 के अंतराज्यीय सॉल्वर गैंग का खुलासा करते हुए बिजनौर थाना Police ने 10 आराेपिताें काे Arrested किया है। इस गैंग में यूपी ग्रामीण बैंक का अस्स्टिेंट मैनेजर भी शामिल हैं, जाे मुख्य सरगना है। आराेपी चैट जीपीटी और एआई की मदद से अभ्यर्थी की फाेटाे काे साॅल्वर की फाेटाे से मिक्स करके बनाते थे।

Police उपायुक्त दक्षिण निपुण अग्रवाल ने बताया कि पकड़ा गया संभल जिले के खबूपुरा यूपी ग्रामीण बैंक में तैनात असिस्टेंट मैनेजर आनंन कुमार मूलरूप से Bihar राज्य का रहने वाला और गैंग का लीडर है। उसके साथी यूपी ग्रामीण बैंक में कार्यरत क्लर्क भागीरथ शर्मा उर्फ चंदन, यूको बैंक में स्केल-एक आफिसर सुधांशु कुमार, गौरव आदित्य, बीएससी छात्र हर्ष जोशी, बीएड छात्र धनन्जय कुमार सौरभ, बीटेक छात्र राजीव नयन पाण्डेय, बीटेक मुकेश कुमार, बीएससी छात्र आशीष रंजन और अभिषेक कुमार है। ये सभी Bihar राज्य का रहने वाले हैं।

डीसीपी ने बताया कि बिजनौर स्थित बीआर परीक्षा केंद्र के परीक्षा संचालक शैलेंद्र बाजपेयी ने पांच अक्टूबर को Police को सूचित किया कि एक व्यक्ति संदिग्ध है। जिसने विभिन्न वर्षों में पांच भिन्न-भिन्न फोटो लगाकर परीक्षा के लिए आवेदन किया है। मौके पर पहुंचकर Police ने Bihar राज्य के गया निवासी अभिषेक कुमार को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह अभ्यर्थी गौरव अवस्थी की जगह पर परीक्षा देने आया था। Police ने तत्काल उसे Arrested कर जेल भेजते हुए घटना में संलिप्त अन्य अभियुक्तों की Arrested ी के लिए Police टीमों का गठन किया। अभ्यर्थी गौरव आदित्य को भी Arrested किया गया। पूछताछ के बाद उससे मिले इनपुट पर Police ने आईबीपीएस क्लर्क परीक्षा-2025 के सॉल्वर गिरोह के आठ अन्य अभियुक्तों को Arrested किया गया।

आनंद इस गिरोह का मुख्य सरगना है जो असली अभ्यर्थियों के स्थान पर फर्जी अभ्यर्थियों को बैठाने का काम करता था। वांछित रोहित जो असली अभ्यर्थियों मनोज के पास लेकर आता था। फार्म भरते समय एआई, चैट जीपीटी, फोटर के जरिए दो चेहरों को 70 फीसदी एक जैसा बनाते हैं। इससे फर्जी सॉल्वर परीक्षा केंद्र पर पकड़े न जाए। इस काम के लिए आनंद कुमार को दो लाख रुपये, प्रारंभिक परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी को बैठाने के लिए 20 हजार, मुख्य परीक्षा में बैठाने के एक लाख रुपये, नौकरी लगने के बाद दो लाख रुपये। नौकरी दिलाने के लिए प्रति व्यक्ति से कुल पांच लाख 20 हजार रुपये लेता था। इनमें से कई फर्जी अभ्यर्थी हैं, जो लखनऊ में ​विभिन्न केंद्रों पर परीक्षा देने आए थे।

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(Crimes Of India) / दीपक

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