
गौतम बुद्ध नगर, 11 नवंबर (Crimes Of India) । Uttar Pradesh के गौतम बुद्ध नगर में थाना बिसरख Police ने जीएसटी फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। दो आरोपियों को Police ने सोमवार को पतवाड़ी गांव से Arrested किया है। आरोपी फर्जी दस्तावेज पर फर्म पंजीकृत कराते थे। उन्हीं फर्मों के नाम पर बैंकों में खाता खुलवाकर फर्जी बिल जनरेट करके इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) रिफंड लेते थे। आरोपी पांच वर्षों में 85 फर्जी फर्मों के जरिये 51 करोड़ के कर चोरी कर चुके हैं।
Police उपायुक्त जोन द्वितीय शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि हापुड़ के बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के गांव सलोनी निवासी प्रवीन कुमार (38) और बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र के बिघराऊ के सतेंद्र सिंह (37) को Arrested किया गया है। इनके कब्जे से 10 फर्जी सील मुहर, आधार कार्ड, चेकबुक, अकाउंट ओपनिंग फॉर्म और मोबाइल फोन आदि बरामद हुआ है। डीसीपी ने बताया कि बैंक ऑफ इंडिया की विभिन्न शाखाओं में जाली आधार कार्ड, पैन कार्ड, पहचान पत्रों और किरायानामा से उद्यम व जीएसटी पंजीकरण करने के लिए फर्जी फर्मों के नाम पर चालू खाते खुलवाने की जानकारी मिली थी।
जांच में पता चला कि इन खातों का उपयोग अवैध रूप से जीएसटी की राशि प्राप्त कर उसे तुरंत अन्य खातों में हस्तांतरित करने के लिए किया गया। बैंक ऑफ इंडिया की गाजियाबाद एवं गौतमबुद्धनगर की विभिन्न शाखाओं में इसी गिरोह ने छह खाते खुलवाए। इनमें मेसर्स रिद्धि सिद्धि एंटरप्राइजेज, मेसर्स भवानी इम्पेक्स, मेसर्स झलक एंटरप्राइजेज, मेसर्स गौरव एंटरप्राइजेज, मेसर्स दामिनी इंडिया इंटरनेशनल और मेसर्स राधिका एंटरप्राइजेज शामिल हैं। इन फर्मों के लिए भी फर्जी केवाईसी दस्तावेजों का ही उपयोग किया गया। रजिस्ट्रेशन में जिन व्यक्तियों के नाम दर्शाए गए थे। उनसे आरोपियों का कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं था। सभी फर्मों के पंजीकृत पते जांच में फर्जी मिले।
Police उपायुक्त ने बताया कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि पांच वर्षों में इन फर्मों से करीब 350 करोड़ के बिल जारी किए गए हैं। इन बैंक खातों को संचालित करने के लिए 9 अलग-अलग मोबाइल नंबरों का उपयोग हुआ है। इन नौ मोबाइल में 18 सिम कार्ड का उपयोग हो रहा था। अब तक 87 सिम कार्ड का इस्तेमाल हो चुका है। इन्हीं 87 मोबाइल नंबरों का उपयोग कर 85 फर्जी फर्मों का निर्माण किया गया। गिरोह बातचीत और समन्वय के लिए सामान्य कॉलिंग के बजाय व्हाट्सएप कॉल और ईमेल का उपयोग करता था। Police उन सभी फर्मों के खातों को फ्रीज करवा रही है जिनमें संदेहास्पद लेनदेन पाया गया है।
आरोपियों के पकड़े जाने के बाद गिरोह का सरगना मोबाइल बंद करके भाग गया। Police जांच कर रही है कि जिस वक्त आरोपियों ने बैंक खाते खुलवाए, उनकी दस्तावेजों की जांच किस बैंक अधिकारियों ने की। जब जीएसटी रिफंड के लिए आवेदन किया तो किस आधार पर बिना जांच और वेरिफाई ही क्लेम की राशि का सेटलमेंट हो गया। Police ने जीएसटी विभाग को सूचना दी है। Police का कहना है कि गिरोह का नेटवर्क दिल्ली-एनसीआर समेत आधा दर्जन राज्यों में फैला है। मामले में जीएसटी विभाग, बैंक के कर्मचारियों और अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। Police आरोपियों के मोबाइल डिटेल रिकॉर्ड खंगाल रही है। साथ ही उनसे व्हाट्सएप के जरिये संपर्क में रहने वाले लोगों का डाटा भी जुटाया रहा है।
—————
(Crimes Of India) / सुरेश चौधरी

